शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2025

Physiotherapist का चुनाव स्वयं करें, Doctor, health worker या दलाल के कहे अनुसार नहीं

बिलकुल 👇 नीचे इस विषय पर बहुत विस्तार से लिखा गया है — ताकि "Physiotherapist का चुनाव स्वयं करें, doctor, health worker या दलाल के कहे अनुसार नहीं" के पीछे की गहराई, मानसिकता और वास्तविकता पूरी तरह स्पष्ट हो सके।

🧠 विषय:
"Physiotherapist का चुनाव स्वयं करें, Doctor, health worker या दलाल के कहे अनुसार नहीं"

🔹 प्रस्तावना:
आज के समय में जब हर क्षेत्र में विशेषज्ञता (specialization) बढ़ रही है, वहीं मरीजों में यह प्रवृत्ति देखने को मिलती है कि वे अपने physiotherapist का चुनाव स्वयं करने के बजाय किसी doctor, health worker या दलाल (middleman/agent) के कहने पर करते हैं।
परंतु यह तरीका कई बार मरीज के हित में नहीं होता — क्योंकि physiotherapy की गुणवत्ता, तकनीक, समय और परिणाम काफी हद तक therapist के कौशल, अनुभव और दृष्टिकोण पर निर्भर करते हैं।

🔹 मरीज की सोच में भ्रम:
अक्सर मरीज यह मान लेते हैं कि: 
“Doctor ने जिस physiotherapist का नाम बताया है, वही सबसे अच्छा होगा।”
“Hospital में जो physiotherapist आता है, वही सही होगा।”
“जो physiotherapist नारायणा, फोर्टिस, EHCC, SMS, Mahatma Gandhi Hospital में काम करता है वही अच्छा होगा”
“Health worker या दलाल ने जो कहा, वो trustworthy होगा।”

परंतु हकीकत यह है कि ये सभी संदर्भ हमेशा निष्पक्ष नहीं होते। कई बार इसमें commercial interest, personal संबंध, या commission system भी शामिल होता है।

🔹 Doctor के referral का मनोविज्ञान:
कई doctors genuine होते हैं और मरीज के हित में qualified physiotherapist की सलाह देते हैं, परंतु कई बार:
▫️Referral system commission आधारित होता है।
▫️Doctor उसी physiotherapist को refer करता है जो उसके network या clinic से जुड़ा हो।
▫️कभी-कभी physiotherapy को “सिर्फ adjunct treatment” मानकर, quality पर ध्यान नहीं दिया जाता।

👉🏻इस स्थिति में मरीज को यह समझना चाहिए कि doctor diagnosis और prescription में expert हैं, पर physiotherapy treatment का actual execution physiotherapist की जिम्मेदारी है👈🏻

🔹 Health worker या दलाल की भूमिका:
Health worker, nursing staff या agents कई बार मरीजों को influence करते हैं:
“Sir, मैं physiotherapist बुलवा दूँ”
“हमारे पास regular physiotherapist है”
“Clinic के पास ही एक अच्छा Physiotherapist है, उसी से करा लीजिए”
इन बातों में अक्सर मरीज की सुविधा से ज़्यादा आर्थिक लाभ का पहलू जुड़ा होता है। दलाल physiotherapist को “commission पर case” देते हैं, जिससे Physiotherapist भी quality के बजाय quantity पर ध्यान देता है।

🔹 स्वयं चयन क्यों जरूरी है:
Physiotherapist का चुनाव स्वयं करने का अर्थ है — आप अपने शरीर, स्वास्थ्य, और recovery journey के प्रति सचेत जिम्मेदारी लेना।
👉 इसके फायदे:- 
✔️आप Physiotherapist की qualification, experience, और approach जान सकते हैं।
✔️आप manual therapy, exercise therapy, electrotherapy जैसे techniques का अंतर समझकर निर्णय ले सकते हैं।
✔️आप अपनी comfort, communication और trust को प्राथमिकता दे सकते हैं।
✔️सबसे महत्वपूर्ण — आप “commission chain” से बाहर रहकर ethical और evidence-based treatment पा सकते हैं।

🔹 योग्य Physiotherapist पहचानने के मानक:
मरीज को physiotherapist चुनते समय कुछ बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए:
🎓 Qualification (BPT/MPT from RUHS UNIVERSITY) केवल Registered & Qualified medical physiotherapist को चुनें जो medical college से पास हो 
🏥 Clinical Experience- होना जरूरी है जिसको रोग की प्रकृति (neuro, ortho, cardiac आदि) के अनुसार अनुभव होना चाहिए
🧩 Treatment Approach- Evidence-based, personalized plan हो, सिर्फ machine therapy नहीं
🗣️ Communication Skill- Therapist मरीज की problem को सुनता है या नहीं, यह बहुत मायने रखता है
💬 Feedback & Reputation- Google reviews, patient feedback, word-of-mouth भरोसेमंद होते हैं

🔹 ⚠️गलत फिजियो चयन के परिणाम:
यदि physiotherapist चयन किसी doctor या दलाल के influence में किया गया तो इसके गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं:
❗गलत diagnosis या superficial treatment होगा 
❗गलत फिजियोथेरेपी ईलाज से दर्द बढ़ जायेगा 
❗मरीज का Physiotherapy सेशन कुछ मिनट्स में पूरा कर देगा मतलब अधूरा ट्रीटमेंट
❗ईलाज योग्य Physiotherapist से ना होकर हेल्परो (नकली फिजियो) से करना 
❗बार-बार relapse या incomplete recovery
❗अनावश्यक sessions और financial burden
❗मरीजों में physiotherapy के प्रति गलत धारणा पैदा होगी (“फायदा नहीं होता है”)

🔹 सही physiotherapist चयन से लाभ:
✔️Personal attention और tailor-made exercises
✔️Recovery में वास्तविक सुधार
✔️कम समय में functional independence
✔️लंबे समय तक health maintenance
✔️कमीशन की बचत 

🔹 मरीज को अपनी भूमिका समझनी होगी:
✊🏻मरीज को passive नहीं, active बनना होगा 
✊🏻Doctor के कहे पर blind trust न करें
✊🏻Physiotherapist से credentials पूछने में संकोच न करें
✊🏻Home visit या clinic दोनों के लिए informed decision लें

🔹 समाज के लिए संदेश:
जैसे हम अपने बच्चों के लिए स्कूल चुनते समय “teacher” की योग्यता देखते हैं, वैसे ही physiotherapist का चयन भी उतनी ही समझदारी से होना चाहिए।
आपका शरीर किसी referral chain का हिस्सा नहीं, बल्कि responsible health decision का विषय है।

🔹 निष्कर्ष (Conclusion):
Physiotherapy सिर्फ machine या exercise नहीं है, यह science + skill + sincerity का संगम है। इसलिए इसका चयन भी स्वयं के विवेक, जानकारी और विश्वास से होना चाहिए — न कि किसी doctor, health worker या दलाल के सुझाव पर।

💬 “अपने शरीर की जिम्मेदारी खुद लें —
क्योंकि recovery का असली architect वही है, जो physiotherapist को पहचानना जानता है।”

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