मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

“मेरे तो जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द है, मुझे तो हड्डी वाले डॉक्टर को ही दिखाना है” — आम आदमी की गहन मानसिकता

“मेरे तो जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द है, मुझे तो हड्डी वाले डॉक्टर को ही दिखाना है” — आम आदमी की गहन मानसिकता

💭 आम आदमी की सोच—
     जब किसी को घुटने, पीठ, गर्दन या कंधे में दर्द होता है, तो पहला ख्याल यही आता है —
 “यह तो हड्डी का दर्द है, मुझे हड्डी वाले डॉक्टर (Orthopedic) को दिखाना चाहिए”
यही मानसिकता सालों से समाज में जमी हुई है। लेकिन यह सच नहीं है, हर जोड़ों या मांसपेशियों का दर्द “हड्डी का” नहीं होता।

🧠 दर्द का असली कारण—
अक्सर जो दर्द “हड्डी का” समझा जाता है, वह असल में होता है —
🔸Muscle stiffness या weakness
🔸Ligament या tendon strain
🔸Postural imbalance
🔸Nerve compression
🔸Sedentary lifestyle या lack of flexibility

इन सभी कारणों का इलाज दवा या सर्जरी से नहीं, बल्कि Physiotherapy से होता है।

🩺 Orthopedic Doctor की भूमिका—
🔹Fracture या bone injury की पहचान
🔹Joint degeneration (जैसे severe osteoarthritis) की जाँच
🔹Surgery या injection की आवश्यकता तय करना

यानी कि उनका काम diagnosis और medical management तक सीमित होता है।  लेकिन permanent solution के लिए Physiotherapy ज़रूरी है।

💪 Physiotherapist की भूमिका—
     Physiotherapist सिर्फ दर्द नहीं देखता, वह उसके पीछे छिपे root cause को समझता है। वह आपके शरीर की मांसपेशियों, जोड़, और nerves को scientifically assess करके यह तय करता है कि-
❔कौन सी muscle कमजोर है
❔कहाँ stiffness है
❔posture कहाँ बिगड़ा है
और फिर उसके अनुसार manual therapy, exercises, mobilization, stretching आदि से शरीर को restore करता है।

यही कारण है कि Physiotherapy से:
✔️दर्द का permanent समाधान होता है
✔️दवा की dependency कम होती है
✔️ शरीर फिर से सक्रिय हो जाता है

⚖️ सही दृष्टिकोण—
1️⃣ Fracture या bone deformity है → Orthopedic doctor
2️⃣ Muscle / joint stiffness, weakness या दर्द है → Physiotherapist
3️⃣ दोनों की आवश्यकता होने पर → Coordination Approach (Doctor + Physiotherapist)

📢 निष्कर्ष:

“जोड़ों और मांसपेशियों का दर्द सिर्फ हड्डियों का नहीं होता”
अगर आप केवल हड्डी वाले डॉक्टर के पास जाते हैं, तो आपको सिर्फ temporary relief मिलेगा।
लेकिन जब आप Physiotherapist के पास जाते हैं, तो आपको permanent recovery मिलती है।

🌿 याद रखें-

“Medicine pain कम करती है,
Physiotherapy pain खत्म करती है”

“Medicine supportive role निभाती है,
Recovery का role Physiotherapy निभाती है”

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