दर्द कम करती है और शरीर में संतुलन ठीक रखती है फिजियोथैरेपी
फिजियोथेरेपी
मेडिकल साइंस की वह
खास विधा है
जो शरीर की
गतिशीलता को बरकरार
रखने में मदद
करती है। चलने-फिरने में होने
वाली तकलीफ, लंबे
समय तक बैठे
रहने से शरीर
में आई शिथिलता
को कम कर
जीवन की गुणवत्ता
में सुधार लाने
का काम करती
है। वैसे भी
कहा जाता है
जहां चिकित्सा में
दवाएं शरीर की
बीमारियों दूर करती
है, फिजियोथैरेपी शरीर
को चलाने लायक
बनाने का कार्य
करती है। केवलरोगी
ही नहीं, बल्कि
स्वस्थ लोग भी
चुस्त-दुरुस्त रहने
के लिए फिजियोथैरेपिस्ट
की सलाह ले
सकते हैं।
इनमें कारगर है
फिजियोथैरेपी:-
- ध्यान रखें कभी खुद पर बिना फिजियोथैरेपिस्ट की सलाह के इस थैरेपी को न आजमाएं।
- सर्जरी के बाद यह तेजी से रिकवरी करती है। इसलिए डॉक्टर भी फिजियोथैरेपी की सलाह देते हैं
- मांसपेशियों में ऐंठन, खिंचाव को कम करती है और उनमें लचीलापन लाती है।
- जोड़ों जैसे घुटने, हिप रिप्लेसमेंट जैसी सर्जरी के बाद फिजियोथैरेपी कराने से तेजी से सुधार आता है।
- एक ही जगह बैठकर घंटों काम करने से आई शिथिलता को कम करती है।
- खेल में लगी चोटों में आराम देती है।
- बुजुर्गावस्था में हड्डियों की कमजोरी से होने वाली बीमारियों में राहत देती है।
फिजियोथैरेपी के प्रकार:-
- जीरियाट्रिक फिजियोथैरेपी- बुढ़ापे में दी जाने वाली फिजियोथैरेपी ।
- पीडियाट्रिक फिजियोथैरेपी- बच्चों को दी जाने वाली थैरेपी ।
- न्यूरोमस्कुलोस्केलेटल फिजियोथैरेपी- न्यूरोमोटर नर्वस और मांसपेशियों के लिए दी जाने वाली थैरेपी
- आर्थोपेडिक फिजियोथैरेपी- हडिड्यों के लिए दी जाने वाली थैरेपी। फिजियोथैरेपी में हीट व कोल्ड थैरेपी, एक्सरसाइज और इलेक्ट्रोथैरेपी शामिल होती है।
- कार्डियो-पल्मोनरी फिजियोथैरेपी- कार्डियो-पल्मोनरी थेरेपिस्ट फेफड़ों की बीमारियों के रोगियों को बेहतर सांस लेने और सांस फूलने, खांसी और सांस लेने में तकलीफ से राहत दिलाने में सक्षम होते है ।
- स्पोर्ट्स फिजियोथैरेपी:- स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपिस्ट वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर खेल और व्यायाम में सुरक्षित रूप से भाग लेने के बारे में सलाह देते हैं। इसके अलावा, वे एक सक्रिय जीवन शैली को बढ़ावा देकर लोगों को उनके जीवन की गुणवत्ता को सुधारने और बनाए रखने में मदद करते हैं।
- स्त्री रोग फिजियोथेरेपी:- स्त्री रोग फिजियोथेरेपी प्रसूति देखभाल में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जिसमें प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर दोनों सेवाएं शामिल हैं। आसन संबंधी शिक्षा के साथ संयुक्त मैनुअल तकनीकें गर्भवती महिलाओं के लिए अद्भुत काम करती हैं। निचली और ऊपरी पीठ की देखभाल और दैनिक गतिविधियों के स्वस्थ संशोधन में विशेषज्ञता वाले फिजियोथेरेपिस्ट इष्टतम आसन हैं जिससे गर्भवती माताओं में मांसपेशियों का तनाव कम हो जाता है।
फिजियोथैरेपी के
फायदे:-
यह दर्द को कम या खत्म करती है। समग्र शरीर की शक्ति और समन्वय में सुधार लाती है। दवाओं पर निर्भरता कम करती है। हृदय संबंधी कामकाज और फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाती है। खेल से जुड़ीं चोट का प्रबंधन और रोकथाम करती है।
इनका रखें ध्यान:-
- टाइट कपड़े पहनकर न जाएं।
- भोजन व फिजियोथैरेपी के बीच कम से कम एक घंटे का अंतराल रखें।
- शरीर को हाइड्रेट रखें।
- सभी रिपोर्ट्स साथ लेकर जाएं।
-अरूण शर्मा, फिजियोथैरेपिस्ट, आठ वर्ष का अनुभव patrika.com/health