नीचे इस विषय पर बहुत विस्तृत रूप में बताने जा रहा हूँ 👇
🌿 विषय: “BPT की डिग्री लेना कोई मायने नहीं रखता, पूछ तो बस knowledge की होती है”
आज की मेडिकल एजुकेशन में एक बड़ा भ्रम फैला हुआ है —
“डिग्री मिल गई तो सब कुछ मिल गया, अब तो नाम के आगे ‘Dr’ भी लगा सकता हूँ”
लेकिन असल सच्चाई यह है कि डिग्री सिर्फ़ एक प्रवेश द्वार है, असल पहचान ज्ञान, नैतिकता और क्लिनिकल स्किल्स से बनती है। BPT (Bachelor of Physiotherapy) की डिग्री किसी को डॉक्टर बना सकती है, पर असली डॉक्टरियत उसकी सोच, व्यवहार और रोगी के प्रति दृष्टिकोण से तय होती है।
🧠 1. डिग्री से नहीं, ज्ञान से पहचान बनती है:-
हर साल हजारों छात्र BPT पास करते हैं,
लेकिन क्या सभी उत्कृष्ट Physiotherapist बन पाते हैं?
❌ नहीं!
कारण — उन्होंने सिर्फ़ “पास होने” के लिए पढ़ाई की, “सीखने” के लिए नहीं।
एक साधारण डिग्री धारक और एक उत्कृष्ट फिजियोथेरेपिस्ट में अंतर यही है कि
पहला किताबें पढ़ता है, दूसरा मरीजों को समझता है।
🏥 2. Knowledge का अर्थ सिर्फ़ syllabus नहीं:-
Knowledge सिर्फ़ Anatomy, Physiology या Exercise Therapy तक सीमित नहीं होती। असली ज्ञान यह है कि मरीज के दर्द के पीछे कौन-सा functional cause है। Clinical reasoning, assessment pattern, posture analysis और evidence-based treatment ही असली knowledge हैं।
वही Physiotherapist सफल होता है जो हर मरीज को एक नई “case study” की तरह देखता है।
🧩 3. Skill vs Degree:-
Degree एक “certificate” है, skill एक “identity” है।
Skill से मरीज आपको याद रखता है, डिग्री से नहीं।
जब कोई मरीज कहता है — “Doctor, आपने तो मेरा जीवन बदल दिया,”
तब वो आपकी डिग्री नहीं, आपकी मेहनत, धैर्य और ज्ञान की सराहना करता है।
💬 4. Professionalism और Behavior भी knowledge का हिस्सा है:-
Knowledge सिर्फ़ बुकिश नहीं होती —
मरीज से बात करने का तरीका, समझाने की भाषा, सुनने का धैर्य भी इसका हिस्सा है। जो Physiotherapist “communication” में अच्छा है, वही patient trust बना पाता है।
इसलिए कहा गया है —
“Patients don’t care how much you know, until they know how much you care.”
🔬 5. लगातार सीखते रहना ही असली डिग्री है:-
डिग्री एक बार मिलती है, पर knowledge हर दिन अर्जित करनी पड़ती है।
नयी research, नयी techniques, manual therapy, Manipulation, Mobilization, Stretching — जो Physiotherapist हर दिन कुछ नया सीखता है, वही आगे बढ़ता है।
दूसरों से सीखना कमजोरी नहीं, Maturity की निशानी है।
💪 6. निष्कर्ष:-
डिग्री = पहचान की शुरुआत
Knowledge = पहचान की स्थायित्व
BPT डिग्री से आपको “Doctor” का title मिल सकता है, पर उस title की गरिमा केवल ज्ञान और सेवा से बनती है।
🌱 सारांश:-
“डिग्री आपको दरवाज़ा खोलने का मौका देती है, लेकिन अंदर प्रवेश करवाती है आपकी knowledge, attitude और sincerity”
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