जोडों व मांसपेशियों की तकलीफ से जुड़े मामलों पर सही परामर्श के लिये मुझे कहाँ जाना चाहिए ?
जिस तरह हम अपनी मौसम व संक्रमण से जुड़ी
शारीरिक समस्याओ के लिए मेडीसिन के डॉक्टर के पास जाते हैं उसी तरह फिजिकल
स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के उपचार के लिए विशेषज्ञ होते हैं।
जब आपके दांत में दर्द होता है, तो आप इलाज के लिए दाँतों के डाक्टर के
पास जाते हैं, हड्डियों और लिगामेंट्स के टूटफूट से
संबंधित तकलीफ होती हैं तो आप ऑर्थोपेडिशियन के पास जाते हैं| हममें से बहुत लोग विभिन्न किस्म की
शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने वाले विभिन्न विशेषज्ञों के बारे में
जानते हैं|
लेकिन ज़ाहिर है यहां सवाल मन और उसके स्वास्थ्य के बारे में है|
इस लेख में, हम
उस विशेषज्ञ के बारे में बात करेंगे जो फिजिकल स्वास्थ्य मामलों के बारे में जानते
हैं और शारीरिक और मैकेनिकल समश्याओ के मामलों की पहचानने और उनका इलाज करने में
अहम भूमिका निभाते हैं| मुख्यधारा के एक्सपर्टों की टीम में शामिल होते हैं- ऑर्थोपेडिक
फिजियोथेरेपिस्ट, स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपिस्ट, न्यूरो फिजियोथेरेपिस्ट, रिहैबिलिटेशन वर्कर और नर्सें|
यहां हर विशेषज्ञ और उनकी क्षमताओं के बारे में
संक्षिप्त विवरण दिया जा रहा है| इससे आपको ये फ़ैसला करने में मदद मिलेगी कि शारिरिक स्वास्थ्य
समस्या पर किस विशेषज्ञ के पास जाना चाहिये| इस तरह की भ्रम मरीज के दिमाग में लगा
रहता है|
आमतौर पर आम आदमी की धारणा बनी हुई है कि अगर कोई भी फिजिकली प्रॉब्लम या
स्पोर्ट्स इन्जरी होती है तो ऑर्थोपेडिशियन के पास जाकर मेडिकल ट्रीटमेंट लेना चाहिए, परंतु यह बात पूरी तरह सत्य नहीं है।
क्योंकि मरीज को जब मांसपेशियों में खिंचाव व स्पोर्ट्स इंजरी होती है या गलत
पोस्चर के कारण मांसपेशियों के दर्द होता है तो सबसे पहले उसे एक प्रॉपर फिजिकल
सपोर्ट और मैन्युपुलेशन की जरूरत होती है, जो
कि एक निपुण फिजियोथेरेपिस्ट ही दे सकता है। फिजियोथैरेपी एक ऐसी कला है जिसमें
मरीज के हड्डी और मांसपेशियों से संबंधित वर्षों पुरानी तकलीफों को डायग्नोस किया
जाता है और उनको प्रॉपर तरीके से मैनेज किया जाता है। छोटी मोटी टूटफूट होने पर
ऑर्थोपेडिशियन का ट्रीटमेंट फिजियोथेरेपी के साथ जोड़ा जा सकता है। छोटी मोटी
स्पोर्ट्स इंजरी और जॉइंट से संबंधित तकलीफों में फिजियोथेरेपी चिकित्सा ही प्रथम
ओपिनियन है। अगर फैक्चर, लिगामेंट स्ट्रेन (टूटना) और घुटने की
गद्दी के टूटने जैसी स्थितियों में हमें ऑर्थोपेडिशियन की मदद की जरूरत होती है।
जहां तक ठंडा और गर्म सेक की बात है
मरीज हमेशा इस बात पर कन्फ्यूजन में रहता है कि उसे मांसपेशियों में खिंचाव या
दर्द के बाद में ठंडा सेक करना चाहिए या गर्म सेक करना चाहिए। कभी-कभी अज्ञानता वश
या गलत सलाह के कारण मरीज एक्यूट इंजरी या सूजन जैसी गंभीर स्थितियों में भी गर्म
सेक कर लेता है और नतीजा यह होता है कि वह अपना दर्द बढा बैठता है। ठंडा और गर्म
सेक का भी एक गणित होता है जो कि एक निपुण फिजियोथेरेपिस्ट को ही पता होता है।
यहां पर मरीज और उसके अटेंडर्स को यह बात ज्ञात तो होनी चाहिए कि
फिजियोथैरेपी ट्रीटमेंट लेने के लिए किसी अन्य डॉक्टर की परामर्श की आवश्यकता नहीं
होती और ना ही किसी अन्य डॉक्टर से फिजियोथेरेपी ट्रीटमेंट के लिये लिखवाने की
अनिवार्यता है। मरीज स्वंय अपनी तकलीफ को ध्यान रखते हुए समाधान के लिए
फिजियोथेरेपिस्ट से इलाज ले सकता है।
ऑर्थोपेडिक फिजियोथेरेपिस्ट (अस्थि
भौतिक चिकित्सक)
ऑर्थोपेडिक फिजियोथेरेपी क्या है?
आर्थोपेडिक फिजियोथेरेपी स्केलटल प्रणाली और
संबंधित मांसपेशियों, जोड़ों और अस्थिबंधों से संबंधित चोटों
और विकारों के इलाज का एक तरीका है। ऑर्थोपेडिक फिजियोथेरेपी द्वारा इलाज की जाने
वाली स्थितियां हैं- लिगामेंट तनाव, मोच
या चोट, ऑस्टियोपोरोसिस, रूमेटोइड, स्पोंडिलोलिसिस, फ्रैक्चर पुनर्वास, स्कोलियोसिस और कूल्हे, कंधे, घुटने और पैर / टखने के सर्जरी। यदि आप किसी भी उल्लिखित स्थितियों
से गुजर रहे हैं, तो प्री-ऑपरेटिव फिजियोथेरेपी आपको
शारीरिक और हृदय रोग को मजबूत करने में मदद करेगी। यह सर्जरी के बाद त्वरित रिकवरी
में मदद करता है।
ऑर्थोपेडिक फिजियोथेरेपिस्ट (अस्थि
भौतिक चिकित्सक) कौन है?
ऑर्थोपेडिक फिजियोथेरेपिस्ट (अस्थि
भौतिक चिकित्सक) एक डाक्टर होता है जिसे हड्डियों और मांसपेशियों से संबंधित समस्याओं
की पहचान और उपचार में विशेषज्ञता हासिल होती है| अपनी सघन और व्यापक फिजियोथेरेपी
ट्रेनिंग के दौरान अस्थि भौतिक चिकित्सक को मानव स्केलेटल सिस्टम के कार्यों और
शरीर के जटिल संबंधों को समझने का प्रशिक्षण हासिल होता है| वे ओपरेशन से पहले और बाद में आये फिजिकल
शारीरिक तनावों को चिंहित कर पानें में सबसे ज़्यादा योग्य होते हैं|