जब मरीज की रिकवरी एक टीम की मेहनत मांगती है, फिर भी Medical Doctors और Physiotherapists के बीच झगड़ा Ego, गलतफहमियों और अधिकार जताने की दौड़ में बदल जाता है — इसका सबसे बड़ा नुकसान उसी मरीज को उठाना पड़ता है जिसे संयुक्त देखभाल की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है
स्वास्थ्य सेवा एक ऐसी प्रणाली है जहाँ एक अकेला व्यक्ति नहीं, एक पूरी टीम मिलकर किसी भी मरीज को ठीक करने का काम करती है। लेकिन विडंबना यह है कि जहाँ मरीज के लिए सबसे अधिक तालमेल और सहयोग की जरूरत होती है, वहीं कई बार Medical Doctors और Physiotherapists के बीच अनदेखा तनाव, Ego Clashes, गलतफहमियाँ और अधिकार जताने की जंग इतनी बढ़ जाती है कि इसका खामियाज़ा उस मरीज को भुगतना पड़ता है जो यह सोच कर अस्पताल पहुंचा था—
“यहाँ हर विशेषज्ञ एक ही लक्ष्य के लिए काम करेगा: मेरी पूरी और सुरक्षित रिकवरी होगी”
लेकिन जब Health Professionals अपने-अपने “territory” बचाने में ही उलझ जाएँ, जब Communication टूट जाए, जब Mutual Respect की जगह Misinterpretation ले ले, और जब Clinical Integration की जगह Power Game शुरू हो जाए, तब मरीज की Recovery अनावश्यक रूप से धीमी, मुश्किल और कई बार अधूरी हो जाती है।
1. समस्या की जड़—जहाँ Collaboration की जगह Competition प्रवेश कर जाती है—
आदर्श स्वास्थ्य सेवा में Doctor Diagnosis करता है, Physiotherapist Function और Recovery पर काम करता है, और दोनों का ही लक्ष्य एक ही होता है: मरीज को दर्द से राहत, बेहतर मूवमेंट और बेहतरीन जीवन गुणवत्ता। लेकिन कई संस्थानों और निजी सेटअप्स में देखा गया है कि—कुछ Doctors Physiotherapy को सिर्फ एक एड-ऑन सेवा मानते हैं, नतीजा कुछ Physiotherapists महसूस करते हैं कि Doctors उनकी विशेषज्ञता को कम आंकते हैं
Medical Doctors अपने ‘authority zone’ को सुरक्षित रखना चाहते हैं, Physiotherapists अपने ‘clinical independence’ के लिए संघर्ष करते हैं। Communication सिर्फ रेफरल पेपर वाली औपचारिकता बनकर रह जाती है, नतीजा यह कि वह जगह है जहाँ टीमवर्क की बजाय Territory War शुरू हो जाती है।
2. जब Ego एक Clinical Barrier बन जाता है—
Healthcare में Ego सिर्फ व्यवहार नहीं, बल्कि एक क्लिनिकल रुकावट बन जाता है।
कई बार–
❗मरीज को Physiotherapy देर से भेजा जाता है
❗Exercise को “secondary treatment” समझ लिया जाता है
❗Physiotherapist के सुझावों को नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है
❗Multidisciplinary Meetings कभी हो ही नहीं पातीं
❗और सबसे बुरा—मरीज को परस्पर विरोधी सलाह मिलती है
यह स्थिति सिर्फ समय और पैसा ही नहीं, बल्कि मरीज की उम्मीदें भी तोड़ती है।
3. डॉक्टर्स की टीम में टकराव हो तो मरीज के लिए नुकसान कहाँ-कहाँ होता है?
❌ Delay in Recovery:
सर्जरी, स्लिप्ड डिस्क, आर्थराइटिस, फ्रैक्चर, स्ट्रोक कॉमन स्थितियाँ हैं जहाँ Doctor+Physio टीमवर्क अनिवार्य है। जब Physiotherapy देर से शुरू होती है, तो Recovery आधी रह जाती है।
❌ Confusing Advice → Patients Lose Trust:
एक विशेषज्ञ कुछ और कहे, दूसरा कुछ और तो मरीज सबसे पहले भरोसा खोता है और ग़लत फैसले ले लेता है।
❌ Over-treatment या Under-treatment का खतरा:
सिर्फ Medicine-based या केवल Therapy-based दृष्टिकोण दोनों ही अधूरे हैं। लेकिन यह संतुलन तभी बनता है जब दोनों Professionals एक-दूसरे की विशेषज्ञता को सम्मान कर साथ स्वीकारें।
❌ Chronic Pain में बदलते Acute Cases:
समय पर Physiotherapy न मिले तो Acute pain महीनों तक Chronic रूप ले लेता है—यह क्लिनिकल साहित्य में बार-बार सिद्ध हो चुका है।
4. गलतफहमियाँ कैसे बनती हैं?
🔸Role Confusion:
कई बार डॉक्टर यह नहीं जानते कि Physiotherapy किस लेवल तक Clinical Decision-Making करती है। Physiotherapists कई बार Doctor की प्राथमिकताओं और जोखिमों को पूरी तरह नहीं समझते।
🔸Patient Ownership Mentality:
कुछ Health Professionals यह मानते हैं कि मरीज उनका “ग्राहक” है। जबकि मरीज किसी का नहीं होता, मरीज टीम का होता है। और उसे ग्राहक की संज्ञा देना गलत है।
🔸Communication Gap:
Diagnosis, Exercise Protocols और Prognosis पर Medical Doctor और Physiotherapy Doctor में नियमित संवाद का अभाव ही संघर्ष का सबसे बड़ा कारण है।
5. Medical Doctors का Physiotherapists से चिढ़ने के मुख्य कारण—
🚫 Clinical Territory Overlap – Musculoskeletal और rehabilitation cases में physiotherapists की clinical भूमिका बढ़ने से doctors को अपने domain पर हस्तक्षेप जैसा लगता है।
🚫 Referral Dependency – मरीज की functional recovery physiotherapy पर निर्भर होती है, जिससे कुछ doctors को अपनी authority कमज़ोर होती महसूस होती है।
🚫 Independent Practice – Physiotherapists का assessment, diagnosis (PT diagnosis) और treatment independently करना कई doctors को असहज करता है।
🚫 Patient Outcome Advantage – दवाइयाँ, injections या surgery जब काम नहीं करती पर physiotherapy कर देती है, तो कुछ doctors को यह पसंद नहीं आता।
🚫 Ego & Hierarchy Issues – healthcare hierarchy में physiotherapists को नीचे माना जाता है, और जब वे clinical discussion में बराबरी दिखाते हैं तो ego clash होता है।
🚫 Misconceptions – कई doctors अभी भी physiotherapy को सिर्फ exercises या machine-therapy समझते हैं, जिसकी वजह से friction पैदा होता है।
🚫 Direct Access – मरीज का बिना doctor के सीधे physiotherapist के पास जाना कुछ doctors को authority loss जैसा लगता है।
🚫 Legal Support for Physiotherapists— NCAHP Act, 2021 (Allied Health Care Professional Act) के अंतर्गत हाल ही में यह तय किया गया है कि फिजियोथेरेपिस्ट्स अब “Dr.” उपसर्ग + “PT” संक्षिप्त नाम के साथ अपने नाम उपयोग कर सकते हैं, जिससे उन्हें “First Contact Practice” चिकित्सा-व्यावसायिक मान्यता और स्वायत्तता मिली है। इस कारण कई Medical Doctors की प्रतिक्रिया विरोधात्मक रही।
6. समाधान कहाँ है? Teamwork के बिना Modern Healthcare अधूरा है—
🟢 Mutual Respect as the first then treatment:
Doctor और Physiotherapist दोनों एक-दूसरे की training, responsibility और specialization को समझें—यहीं से समाधान की शुरुआत होती है।
🟢 संयुक्त Clinical Pathways:
🔹Low Back Pain
🔹Cervical Issues
🔹Knee Osteoarthritis
🔹Post Fracture Rehab
🔹Post-surgical Recovery
इन सभी स्थितियों के लिए एक साझा Protocol बनाना आवश्यक है।
🟢 Regular Inter-professional Communication:
Case Discussion, Progress Updates और Treatment Goals साझा करना—यह मरीज को 2x तेज़ रिकवरी दिलाता है।
🟢 “Shared Credit” Culture:
मरीज की Recovery किसी एक का नहीं—पूरी टीम का परिणाम होती है। जब Credit बाँटने की प्रवृत्ति आती है, तो Ego पिघल जाता है।
🟢 Patient-Centric Care ही असली Professionalism है:
एक शानदार Medical Doctor वही है जो Physiotherapist की expert opinion का सम्मान करे। एक शानदार Physiotherapist वही है जो Medical Doctor के clinical judgement को सम्मान दे। मरीज को इन दोनों की संयुक्त ताक़त चाहिए न कि एक-दूसरे की ताक़त को कमज़ोर करने की कोशिश।
7. अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण बात—
जब भी Medical Doctor और Physiotherapist Doctor एक-दूसरे को Competitor समझने लगते हैं, उस दिन से मरीज की Recovery धीमी हो जाती है। लेकिन जब दोनों Collaboration की भावना से काम करते हैं, मरीज—
✔️कम दवा लेता है
✔️तेजी से ठीक होता है
✔️बेहतर मूवमेंट पाता है
✔️और आत्मविश्वास वापस पाता है
Healthcare का भविष्य किसी एक Profession का नहीं, बल्कि Integrated Rehabilitation System का है — जहाँ Ego की नहीं, Expertise की जीत होती है; जहाँ Power की नहीं, Patients की प्राथमिकता होती है; और जहाँ Teamwork सिर्फ शब्द नहीं, मरीज की जिंदगी में फर्क लाने वाली सबसे बड़ी Clinical Force बन जाती है।
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