“Exercise सिखा देना इलाज नहीं — Clinical Understanding ही असली Physiotherapy है”
       आज आम जनता के बीच Physiotherapy का अर्थ केवल “Exercise करवाना” या “Pain Relief के लिए Stretching करना” तक सीमित होकर रह गया है। बहुत से लोग सोचते हैं कि बस कुछ व्यायाम सीख लिए, कुछ दिन तक किए, और काम खत्म। मगर असलियत इससे कहीं गहरी है। Physiotherapy केवल “Exercise” नहीं, बल्कि एक Medical Science है — जिसमें Anatomy, Biomechanics, Neurology, Pathology और Clinical Decision-Making का गहरा समावेश होता है।
⚕️ Physiotherapy: Science के रूप में समझें, Gym नहीं—
फिजियोथेरेपी और जिम ट्रेनिंग में अंतर समझना बहुत जरूरी है।
🔹जिम में Muscle Strength बढ़ाने का लक्ष्य होता है।
🔹जबकि Physiotherapy में Functional Recovery यानी शरीर के सामान्य कार्य को वापस लाना लक्ष्य होता है।
       एक Physiotherapist किसी Exercise को Prescribe करता है, वह उसे केवल “सिखाता” नहीं है। हर व्यायाम के पीछे Anatomical logic और Clinical reasoning होती है। उदाहरण के लिए —
▫️किसी मरीज को Knee Pain है, तो सिर्फ Quadriceps Exercise नहीं दी जाती; पहले ये समझा जाता है कि Pain का कारण क्या है — Patellofemoral Maltracking, Meniscal Injury, या Ligamentous Instability।
▫️Exercise का Angle, Duration, Intensity और Sequence सब कुछ उस Diagnosis पर आधारित होता है।
इसलिए जो व्यक्ति यह सोचता है कि Physiotherapy सिर्फ “Exercise सिखाना” है, वह असल में इस विज्ञान की गहराई को नहीं समझता।
🧠 Physiotherapy में Anatomy और Clinical Understanding की भूमिका—
हर सफल Physiotherapy Session की जड़ में Anatomical और Clinical ज्ञान छिपा होता है।
👉Anatomy बताती है कि कौन-सी मांसपेशी, जोड़ या नस प्रभावित है।
👉Physiology समझाती है कि वह कैसे काम करती है।
👉Pathology बताती है कि किस कारण से उसका कार्य बिगड़ा।
👉Biomechanics बताती है कि उसकी चाल, दिशा और बल का संतुलन कैसे होना चाहिए।
       जब तक यह चारों बातें एक साथ नहीं जुड़तीं, तब तक कोई भी “Exercise” मरीज को असली लाभ नहीं दे सकती। यही कारण है कि प्रशिक्षित Physiotherapists बिना Proper Assessment के किसी को Exercise नहीं करवाते — पहले वे “Diagnosis” करते हैं, फिर “Treatment Plan” बनाते हैं।
⚖️ “Exercise सीखना” बनाम “Rehabilitation प्राप्त करना”—
      मरीज जब Physiotherapy Centre जाता है, तो उसका उद्देश्य केवल Exercise सीखना नहीं होना चाहिए — बल्कि Rehabilitation यानी पूर्ण कार्यक्षमता की वापसी होना चाहिए।
🔹Exercise सीखना सिर्फ एक Activity है।
🔹Rehabilitation एक प्रक्रिया है जिसमें शरीर, दिमाग और नसों की समग्र पुनर्बहाली होती है।
      एक वास्तविक Physiotherapist हर मरीज के लिए एक Individualized Program तैयार करता है — जिसमें Pain Control, Muscle Re-education, Posture Correction, Functional Training और Ergonomic Advice सब शामिल होते हैं।
🧩 Clinical Decision-Making — Physiotherapy की आत्मा:
      एक असली Physiotherapist कभी भी “एक जैसा इलाज सबके लिए” नहीं देता। हर मरीज की स्थिति अलग होती है। उदाहरण के लिए —
🔹दो लोगों को Low Back Pain हो सकता है, लेकिन एक में Disc Prolapse और दूसरे में Muscle Imbalance कारण हो सकता है।
🔹दोनों को “Back Exercise” देना गलत होगा।
        यह निर्णय लेने की प्रक्रिया — कौन-सी Exercise कब, कितनी बार और किस दिशा में करवाई जाए — यही Clinical Decision-Making कहलाती है, और यही Physiotherapy की आत्मा है।
🏥 क्यों जनता को समझना चाहिए यह फर्क—
        आजकल बहुत से लोग Unqualified या Semi-trained लोगों के पास जाकर Physiotherapy करवा लेते हैं — जो बस “Exercise” करवाने को इलाज मान लेते हैं।  पर यह न केवल गलत Diagnosis देता है, बल्कि कई बार Condition को बिगाड़ भी सकता है।
उदाहरण के लिए, गलत दिशा में Shoulder Mobilization से Capsular Tear हो सकता है, या गलत Strengthening से Nerve Compression बढ़ सकता है।
इसलिए मरीज को हमेशा यह पूछना चाहिए कि:-
❔आपका Physiotherapist किस Medical University से Qualified है?
❔क्या उसने Proper Clinical Assessment किया है?
❔क्या आपका Treatment Plan आपके Diagnosis पर आधारित है?
💬 Physiotherapist की जिम्मेदारी—
       एक Physiotherapist की जिम्मेदारी केवल दर्द कम करना नहीं, बल्कि Root Cause को पहचानना और Functional Independence वापस लाना है। उसे अपने हर कदम पर वैज्ञानिक सोच रखनी होती है —
▫️कौन-सी मांसपेशी कमजोर है,
▫️कौन-सी ज्यादा सक्रिय है,
▫️कौन-से Movement से दर्द बढ़ता या घटता है।
सही Physiotherapist वही है जो Patient को Educate करता है — कि वो क्यों यह Exercise कर रहा है, इसका उद्देश्य क्या है, और यह Recovery में कैसे मदद करेगी।
🌱 निष्कर्ष:-
      Physiotherapy “Exercise का सेट” नहीं, बल्कि Science, Anatomy, और Clinical Understanding का समग्र मिश्रण है। यह पेशा सिर्फ “सिखाने” या “करवाने” का नहीं, बल्कि समझाने और सुधारने का है।
      मरीज को चाहिए कि वह सिर्फ “Exercise सीखने” की जगह “Physiotherapist से समझने” की कोशिश करे कि उसके शरीर को क्या चाहिए और क्यों।
✍️ अंतिम संदेश—
 “Physiotherapy केवल शरीर को चलाने की कला नहीं,
यह शरीर को समझने का विज्ञान है।”
इसलिए अगली बार जब आप Physiotherapy करवाएं, तो यह मत देखें कि Exercise कितनी है — यह देखें कि पीछे की Science कितनी सशक्त है।
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