जनता में एक गहरी भ्रान्ति— “जोड़ों और माँसपेशियों की सामान्य समस्या भी Orthopedic Surgeon ही देखता है” — यह सोच कैसे बनी, क्यों गलत है, और इसका सबसे बड़ा नुकसान किसे हो रहा है? इसका गहराई से विश्लेषणात्मक, वैज्ञानिक-तार्किक और जन-भ्रम तोड़ने वाला लेख प्रस्तुत है।
भूमिका:—जब इलाज नहीं, भ्रम आगे बढ़ता है:—
भारत में आज यदि किसी व्यक्ति को गर्दन में अकड़न हो, कमर में हल्का दर्द हो, कंधे में जकड़न हो, घुटने में चढ़ते-उतरते दर्द हो या मांसपेशियों में खिंचाव हो तो समाज उसे एक ही सलाह देता है:
“Orthopedic Surgeon को दिखाओ”
यह सलाह इतनी सामान्य हो चुकी है कि किसी को भी यह सोचने का अवसर नहीं मिलता कि क्या हर दर्द “सर्जरी-विशेषज्ञ” के पास जाने योग्य होता है?
यहीं से जन्म लेती है एक सामाजिक भ्रान्ति, जो धीरे-धीरे इलाज की दिशा, मरीज की सोच और पूरे स्वास्थ्य-तंत्र को प्रभावित करती है।
भ्रान्ति का मूल वाक्य:–
“जोड़ों और माँसपेशियों की सामान्य समस्या भी orthopedic surgeon ही देखता है”
यह वाक्य सुनने में आधुनिक, वैज्ञानिक और सुरक्षित लगता है, लेकिन वास्तव में यह थोड़ा सा सच और पूरा भ्रम है।
Orthopedic Surgeon वास्तव में होता कौन है?
Orthopedic Surgeon वह चिकित्सक है— जिसने MBBS के बाद Orthopedics में विशेषज्ञता (MS/DNB) ली हो और जिसका मुख्य प्रशिक्षण सर्जरी-आधारित रोगों पर केंद्रित होता है
जैसे:
🔸Fracture
🔸Ligament / Meniscus tear
🔸Severe arthritis
🔸Deformities
🔸Spine instability
🔸Joint replacement
🔸Trauma cases
🔴 Orthopedic Surgeon का मुख्य हथियार:
Diagnosis → Decision → Surgery / Injection / Medicine
फिर समस्या कहाँ है?
समस्या यह है कि समाज ने Orthopedics शब्द को “हर दर्द का इलाज” मान लिया। जबकि 70–80% musculoskeletal समस्याएँ non-surgical होती हैं और उनमें से अधिकांश posture related, muscle imbalance, stiffness, weakness, overuse injury और lifestyle related pain होती हैं। ये सब समस्याऐ physiotherapist के दायरे में आती है।
“सामान्य जोड़-माँसपेशी दर्द” वास्तव में क्या होता है?
सामान्य (common) musculoskeletal problems में शामिल हैं:
🔹Cervical pain (computer/phone neck)
🔹Mechanical low back pain
🔹Shoulder stiffness
🔹Early knee pain
🔹Muscle spasm
🔹Myofascial pain
🔹Tendinitis (early stage)
🔹Postural pain
🔹Work-related strain
👉 इनमें हड्डी टूटी नहीं होती, जोड़ खराब नहीं हुआ होता, सर्जरी की जरूरत नहीं होती, बल्कि जरूरत होती है:
✔️movement correction
✔️muscle re-education
✔️strengthening
✔️flexibility
✔️Rehabilitation
इन सबका specialization Physiotherapist के पास होता है, लेकिन फिर भी Orthopedic Surgeon के पास क्यों पहुँचता है मरीज?
1️⃣ समाज का डर
दर्द = “कुछ गंभीर होगा”
और गंभीर = “Surgeon”
2️⃣ मेडिकल शब्दों की गलत समझ
“Joint” सुनते ही लोग समझते हैं कि यह हड्डी का रोग है।
3️⃣ रेफरल संस्कृति
Local doctors
Chemists
Relatives
सबका एक ही जवाब:
“Ortho को दिखाओ”
4️⃣ मरीज की मानसिकता
“बड़ा डॉक्टर = जल्दी ठीक”
यहीं से शुरू होती है blind faith की असली समस्या:—
जब सामान्य muscle/joint pain लेकर मरीज Orthopedic Surgeon के पास जाता है, तो चार स्थितियाँ बनती हैं:
स्थिति 1:
Painkiller + Muscle relaxant + X-ray
स्थिति 2:
MRI → “Age related changes” → डर
स्थिति 3:
Injection / Rest एडवाइस
स्थिति 4:
Surgery Advice (without pre oprative Rehabilitation)
इनमें से कोई भी इलाज-
👉 समस्या की जड़ (movement dysfunction) को खतम नहीं करता है।
परिणाम क्या होता है?
❌दर्द बार-बार लौटता है
❌मरीज को लगता है “मेरी बीमारी बढ़ रही है”
❌dependency बढ़ती है
❌fear-avoidance behaviour आता है
और अंततः वही मरीज कहता है:
“अब तो ऑपरेशन ही आखिरी रास्ता है”
असली विशेषज्ञ कौन होता है “सामान्य” समस्याओं में?
यहाँ आता है वह नाम जिसे अक्सर नजरअंदाज किया जाता है:
👉 Physiotherapist / Rehabilitation Expert
क्यों?
क्योंकि: उनका पूरा प्रशिक्षण movement, muscle, function पर होता है, वे दर्द को “signal” मानते हैं, बीमारी नहीं। वे कारण खोजते हैं, सिर्फ suppression नहीं करते
एक साधारण तुलना:—
अक्सर साधारण गर्दन, कमर, घुटने या कंधे के दर्द में इलाज का दृष्टिकोण अलग-अलग होता है। सर्जरी-केंद्रित सोच में दर्द को X-ray, MRI, दवाइयों या इंजेक्शन से जोड़कर देखा जाता है, जबकि फिजियोथेरेपी-केंद्रित दृष्टिकोण दर्द के पीछे छिपे कारणों—जैसे गलत पोस्टचर, मांसपेशियों का असंतुलन, कमजोर कोर, गलत मूवमेंट पैटर्न और लोड मैनेजमेंट की कमी को पहचानता है।
फिजियोथेरेपिस्ट का फोकस केवल दर्द दबाने पर नहीं, बल्कि शरीर की कार्यक्षमता सुधारने, नियंत्रण लौटाने और समस्या की पुनरावृत्ति रोकने पर होता है। यही कारण है कि हर दर्द सर्जरी या दवा का विषय नहीं होता; कई बार सही व्यायाम, सही मूवमेंट और सही मार्गदर्शन ही सबसे प्रभावी इलाज होता है।
क्या इसका मतलब Orthopedic Surgeon गलत है?
❌ बिल्कुल नहीं।
Orthopedic Surgeon अत्यंत आवश्यक और सम्मानित विशेषज्ञ है
लेकिन: हर समस्या का समाधान एक ही विशेषज्ञ नहीं होता
जैसे:
🚫हर बुखार में ICU नहीं
🚫हर पेट दर्द में सर्जरी नहीं
🚫वैसे ही हर joint/muscle pain में surgeon नहीं
सबसे बड़ा नुकसान किसे होता है?
1️⃣ मरीज को
🔸अनावश्यक डर
🔸unnecessary investigations
🔸लंबे समय तक दर्द
2️⃣ Health system को
🔸overburden
🔸misuse of expertise
3️⃣ Rehabilitation science को
🔸देर से referral
🔸missed golden period
निष्कर्ष:—
सर्जन का काम सर्जरी है और मूवमेंट का काम मूवमेंट विशेषज्ञ (Physiotherapist) का है।
“सामान्य जोड़ और मांसपेशी समस्या = Orthopedic Surgeon” यह वाक्य अधूरा, भ्रामक और मरीज-हित के विरुद्ध है
अंतिम संदेश (Public Awareness Line):—
“हर दर्द सर्जरी नहीं मांगता, और हर जोड़-मांसपेशी समस्या सर्जन नहीं, सही विशेषज्ञ तक सही समय पर पहुँचना ही सच्चा इलाज है”
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