सोमवार, 12 नवंबर 2018

फिजियोथेरेपी के अंतर्गत ऊष्मीय चिकित्सा पद्दति और इसके लाभ


      गर्म चिकित्सा को भी ऊष्मीय चिकित्सा कहते हैं । इस चिकित्सा में गर्मी को ऊष्मा के रूप में प्रयोग करते हैं अर्थात् गर्म पानी के भौतिक गुण का प्रयोग किया जाता है । इसे हम इस तरह कह सकते हैं कि इस चिकित्सा द्वारा किसी भी चोटग्रस्त भाग के दर्द से राहत व स्वास्थ्य के लिए गर्मी का उपयोग करते हैं । इस चिकित्सा में किसी गर्म कपड़े , गर्म पानी की बोतल , अल्ट्रासाउण्ड , हीटिंग पैड , जल कोलेटर पैक भंवर स्नान , तार रहित प्राथमिक गर्मी चिकित्सा का उपकरण और अन्य तरीकों से इसका उपयोग किया जाता है । यह चिकित्सा उन व्यक्तियों व खिलाड़ियों के लिए लाभदायक है जिसे गठिया और कड़ी माँसपेशियों और चोट लगे घावों के गहरे ऊतकों को आराम व उपचार किया जाए । स्वयं की देखभाल से सन्धियों से सम्बन्धित रोगों के लिए गर्म व ऊष्मीय चिकित्सा के द्वारा उपचार करना एक अच्छा तरीका है । जोड़ों के मुलायम ऊतकों की मरम्मत करने के लिए ऊष्मीय चिकित्सा के द्वारा चिकित्सा की जाती है । गर्म चिकित्सा और ठण्डी के सामंजस्य से मस्क्युलोस्केटेटल और कोमल ऊतकों की चोटों के इलाज के लिए भी यह उपयोगी है इस चिकित्सा के द्वारा जोड़ों और माँसपेशियों के दर्द के साथ - साथ रक्त प्रवाह , सूजन और । संयोजी ऊतक की विस्तारशीलता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है । हम स्वयं घर पर ही इन उपचार की विधियों को आसानी से कर सकते ।


     हीट थैरेपी सबसे अधिक पुनर्वास प्रयोजनों के लिए प्रयोग में लाई जाती है । यह चिकित्सा ऊतकों की विस्तारशीलता और दर्द को कम करने , माँसपेशियों की ऐंठन से राहत , सूजन के साथ - साथ एड्स को कम करने और रक्त प्रवाह को बढाती है । चोटग्रस्त व प्रभावित अंग के लिए बढ़ी हुई रक्त प्रवाह के कारण बेहतर उपचार के लिए प्रोटीन , खनिज तत्व , पोषण तत्व और ऑक्सीजन को पहँचती है । नम गर्मी चिकित्सा , सूखी गर्मी से , गर्म ऊतकों पर और अधिक प्रभावी मानी जाती है क्योंकि पानी का स्थानान्तरण हवा की तुलना में अधिक तेजी से काम करता है । थर्मोथैरेपी या गर्मी चिकित्सा का उपयोग सिरदर्द और माइग्रेन के उपचार के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है । थर्मोथैरेपी में कुछ स्थितियों के लक्षणों में सुधार करने के लिए कोमल ऊतकों के त्वचीय , अन्त : लेखीय व मुख्य तापमान को बदलने के लिए गर्म एवं ठण्डी चिकित्सा का उपयोग होता है । 




     थर्मोथैरेपी चिकित्सा पेशीय कंकाल की चोटों व कोमल ऊतकों की चोटों के लिए बहुत उपयोगी अनुबद्ध है । कई ऐसे लोग हैं जो पुराने सिरदर्द और गर्दन , पीठ के ऊपरी हिस्से की तंग माँसपेशियों से पीड़ित हैं , उन व्यक्तियों गई चिकित्सा के द्वारा माइक्रोवेव पेड का इस्तेमाल करके सम्बन्धित क्षेत्रों के दर्द को कम किया जाता है । कुछ नवीन उपकरणों के द्वारा भी पानी को गर्म करके उपयोग में लाने के बाद निरन्तर तापमान को बनाए रखने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है । सिर के दर्द के मरीजों को दर्द से मुक्ति दिलाने के लिए इस चिकित्सा का उपयोग किया जाता है । 




चिकित्सकीय लाभ- थर्मोचिकित्सा लचीले ऊतकों की विस्तारशीलता में वृद्धि करती है । ऊष्मा का उपयोग करके अलग - अलग ढंग से जोड़ों की जकड़न को दूर करती है। शार्टवेब और माइक्रोवेब ऊष्मा के द्वारा माँसपेशियों की ऐंठन को कम करती है। साथ ही यह कठोर माँसपेशियों के खिंचाव विकिरणों के साथ संयोजन करके कैंसर के इलाज लिए प्रयोग किया जाता है । 




मनोवैज्ञानिक प्रभाव - इसका अध्ययन करने से यह ज्ञात होता है कि मनोवैज्ञानिक धारणा के अनुसार गर्मी और ठण्ड का कुछ - न - कुछ प्रभाव अवश्य पड़ता है । उदाहरण के लिए , बढ़ी हुई गर्मी के कारण त्वचा और जोड़ों का तापमान भी बढ़ जाता है और इसके साथ रक्त प्रवाह भी बढ़ जाता है और माँसपेशियाँ भी आराम अवस्था को महसूस करती हैं जोड़ों की कठोरता कम हो जाती है । मनोवैज्ञानिक रूप से इन सभी से शरीर अंगों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है जिसकी सहायता से रोगी जल्दी अच्छा होने लगता है । ठीक इसी प्रकार माँसपेशी फाइबर के लिए अल्फा फायरिंग में कमी और माँसपेशियों में टोन के परिणाम स्वरूप होती है ।

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